Sunday, 11 July 2021

विश्व जनसंख्या दिवस

 


स्वस्थ और छोटा परिवार
खुशियों का भंडार, जीवन का आधार ||

विश्व जनसंख्या दिवस प्रति वर्ष 11 जुलाई को मनाया जाता है | संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की संचालन परिषद् द्वारा वर्ष 1989 में पहली बार इसे मनाया गया था | इस दिवस को मनाने का सुझाव डॉक्टर के.सी.जकारियाह ने दिया था | आज विश्व की जनसंख्या लगभग 7.9 बिलियन है और विश्व में लगभग 16720 शिशु प्रति घंटे जन्म लेते हैं व मृत्यु दर प्रति घंटे लगभग 6611 है|

विश्व जनसंख्या दिवस का उद्देश्य जनसंख्या संबंधित समस्याओं पर वैश्विक चेतना जागृत करना व लोगों को  शिक्षित करके समाज में फैली रूढ़िवादिता को दूर करना है | इसी संदर्भ में अलग-अलग स्थानों पर इस दिन विभिन्न कार्यक्रमों जैसे- नुक्क्ड़ नाटक, निबंध व खेल प्रतियोगिताओं, सेमिनार इत्यादि का आयोजन किया जाता है; लेकिन इसका मुख्य कार्यक्रम संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष के कार्यालय में किया जाता है | इस दिन कई सरकारी संगठनों द्वारा रैलियाँ भी निकाली जाती हैं |

इस क्षेत्र में सराहनीय कार्य के लिए संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या पुरस्कार भी प्रदान किए जाते हैं | इस पुरस्कार की स्थापना 1981 में हुई थी | अब तक इस पुरस्कार से दो भारतीय व्यक्तिगत रूप से, वर्ष 1983 में पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी जी और वर्ष 1992 में उद्योगपति जहांगीर रतन जी भाई टाटा सम्मानित हो चुके हैं | 2020 में भारतीय संस्था हेल्पएज इंडिया व भूटान की रानी मदर ग्याल्युम संगे चोडेन वांगचुक भी इस पुरस्कार से सम्मानित किए जा चुके हैं | वर्ष 2020 में विश्व जनसंख्या दिवस के लिए मूल विषय था “कोरोना महामारी के दौरान महिलाओं और लड़कियों की स्वास्थ्य संबंधी ज़रूरतों और अधिकारों को सुरक्षित रखना |” वर्ष 2021 में मूल विषय है “प्रजनन संबंधी स्वास्थ्य सुविधा के लिए सार्वभौमिक पहुँच |”

जनसंख्या की दृष्टि से चीन विश्व में प्रथम स्थान पर है | संयुक्त राष्ट्र संघ ने अपनी रिपोर्ट में यह कहा है कि यदि भारत की जनसंख्या ऐसे ही बढ़ती रही तो वह चीन को भी पीछे छोड़ देगा | बढ़ती जनसंख्या हमारे देश में एक विकराल रूप ले चुकी है | कोरोना काल में कभी -कभी अस्पतालों में सुविधाएँ व उपयुक्त संसाधन न मिल पाना इसके ज्वलंत उदाहरण हैं |

बेरोज़गारी, गरीबी, भूखमरी आदि जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणामों ने अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ कर रख दी है | जनसंख्या वृद्धि के कारण पर्यावरण पर भी विपरीत प्रभाव पड़ा है वनों की अत्याधिक कटाई से ऑक्सीजन की कमी हो रही है | इस कमी को पूरा करने के लिए कृत्रिम ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं ताकि लोगों को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्ध हो सके | समय रहते हम सबको इस समस्या की ओर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए |

समय की माँग है कि हमें सभी को साथ लेते हुए जनसंख्या नियंत्रण के उपाय सोचने होंगे तभी देश ही नहीं बल्कि विश्व भी उन्नति के पथ पर अग्रसर होगा | हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने भी स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से लोगों को संबोधित करते हुए कहा था कि “जनसंख्या विस्फोट न केवल हमारे लिए बल्कि आनेवाली पीढ़ियों के लिए भी घातक होगा इसलिए इस पर नियंत्रण करना आवश्यक है |” असम ने जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए नए कानून लागू करने की घोषणा कर दी है तथा अन्य राज्य इस ओर अग्रसर हैं |

सीमा राणा

हिदी अध्यापिका

द मान स्कूल





















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