अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ जीने कहा है:-
विश्व हिंदी दिवस प्रतिवर्ष 10 जनवरी को मनाया जाताहै | नागपुर में 10 जनवरी 1975 मेंतत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी जी ने प्रथम विश्व हिंदी सम्मलेन का उद्घाटन किया था | इसमें 30 देशों के 122 से ज्यादा प्रतिनिधि शामिल हुए थे | इसका उद्देश्य संसार में हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए जागरूकता पैदा करना तथा हिंदी को अंतर्राष्ट्रीय भाषा के रूप में सुदृढ़ करना है |अतः प्रतिवर्ष 10 जनवरी को ही विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया |विदेशों में भारत के दूतावासों में भी इस दिन को विशेष रूप से मनाया जाता है|
हिंदी शब्द का संबंध संस्कृत भाषा के मूल शब्द “सिंधु” से माना जाता है| हिंदी संवैधानिक रूप से भारत की प्रथम राजभाषा और विश्व की दस शक्तिशाली भाषाओं में से एक है | इसकी लिपि देवनागरी है | इसे बाएँ से दाएँ ओर लिखा जाता है| हिंदी भाषा की एक विशेषता यह भी है कि जैसे हम शब्दों का उच्चारण करते हैं वैसे ही उन्हें लिखा भी जाता है | यह सबसे सरल और लचीली है | हिंदी में ही वह सामर्थ्य है कि विश्व की सभी भाषाओं को इसमें ज्यों का त्यों लिखा जा सकता है |
कहते हैं किसी भी राष्ट्र की उन्नति उसकी भाषा में छिपी होती है | इसलिए समय-समय पर हमारे कवियों ने भी इसके महत्त्व को अपनी लेखनी के माध्यम से व्यक्त किया है|राष्ट्र कवि मैथिली शरण गुप्त जी ने कहा है:-
“भव्य भारत ही हमारी मातृभूमि हरी-भरी |
हिंदी हमारी राजभाषा और लिपि है देवनागरी ||”
इतिहास में ऐसे अनेक उदाहरण हैं जो हमारी मातृभाषा हिंदी को बढ़ावा देते हैं | भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने राष्ट्रसंघ में अपना प्रथम वक्तव्य हिंदी भाषा में ही प्रस्तुत किया था | हिंदी भाषा की महत्तान केवल हिंदी साहित्यकारों ने बताई है अपितु विदेशी साहित्यकारों ने भी इसकी प्रशंसा की है | विश्व के लगभग 176 विदेशी विश्वविद्यालयों में हिंदी पढ़ाई जाती है | समय-समय पर ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में भी हिंदी के शब्दों को सम्मिलित किया जा रहा है |
हिंदी भाषा नदी की उस धारा की तरह है जो रुकना नहीं जानती इसलिए बीसवीं शताब्दी के अंतिम दशकों में हिंदी का अंतर्राष्ट्रीय विकास बहुत तेजी से हुआ है | धीरे-धीरे हिंदी एशिया की अग्रणी भाषा के रूप में स्वयंको स्थापित कर रही है |
हिंदी हमारी पहचान
हिंदी हमारे देश की शान |
हिंदी है मनोरम भाषा
जो है सब भाषाओं की अभिलाषा ||
जय हिंदी ,जय हिंदुस्तान ||
सीमा राणा
हिंदी अध्यापिका
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